बारिश की हल्की-हल्की फुहार है, ये सावन की बहार है संग यारों के झूले आओ आया है तीज का त्योहार!
पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रावण मास में अनेक सालों बाद पार्वती का भगवान शिव से पुनर्मिलन हुआ था. पार्वती के तकरीबन 108वें जन्म में शिव शंकर ने उनकी तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर पार्वती को उनकी अर्धांग्नि के रूप में स्वीकार किया. तभी से हर वर्ष इस दिन को तीज के रूप में मनाया जाता है.
तीज का त्योहार है उमंगों का त्योहार खिले हैं फूल, है बारिश की फुहार कहते हैं दिल से मुबारक हो आपको तीज का त्योहार हरियाली तीज की शुभकामनाएं!
एक बहुत ही पुरानी और प्रचलित कहावत है की ’तीज त्यौहारां उबरी ले बैठी गणगौर’ अर्थात तीज के त्यौहार Teej Festival के साथ ही फेस्टिवल्स की शुरुआत हो जाती है. तीज के बाद राखी, गोगा नवमी, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, नवरात्र, दिवाली, नया साल, मकर सक्रांति, शिवरात्रि, होली और गणगौर के त्यौहार के साथ फेस्टिवल का दौर थम जाता है. सावन के खुशनुमा मौसम में आने वाला यह त्यौहार जीवन में आंनद की अनुभूति लेकर आता है. भारत के कई राज्यों में यह त्यौहार सावन की तीज के नाम से भी प्रसिद्ध है. सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है. महिलाएं इस त्यौहार को बड़े ही हर्ष और उल्लास से मानती है, कई जगह मेले लगते है, इस दिन सजी-धजी महिलायें झुंड में घूमती हुई सखियों के साथ झूले खाते हुए त्यौहार मनाती हैं.
LSD DAV Family celebrates Teej
Festive vibes with Teej Divas
We appreciate all the lovely ladies for their enthusiastic participation
1. Mehndi Divas- Spreading Love & Light
2. Flavorsome delicacies for Teej celebration
3. Traditional Teej Look
Traditionally dressed up to keep up the festive mood
4. Traditional Teej Dance
Celebrating every moment to the fullest
Credits:
TEAM: LSD DAV PUBLIC SCHOOL, PILKHUWA